तेरी प्रतिमा
तेरी प्रतिमा को मै दिल मे बसाए रखता हू
मन मे छिपी तेरी छ्वी को सीने से लगाए रखता हू
तेरी खुश्बु को अपनी साँसो मे बसाए रखता हू
तेरी ह्स्ती खिल खिलाती झ्ल्क को नजरो मे सजाए रखता हू
तेरी अखँयो मे काजल बन कर रहना चाहता हू
तेरा हर एक आँसु बन कर बहना चहता हू
ए हसीन दुनियाँ को अब मे तेरे संग सहना चहता हू
अब और क्या कहु
मेरा हर शब्द तेरा है
यही मे तुझ से कहना चहाता हू
यही मे तुझ से कहना चहाता हू
-- सुनील हन्सु